अगर आप कभी भी किसी को चेक (Cheque) issue करते हैं या किसी से चेक स्वीकार करते हैं, तो आपको Cheque Bounce से होने वाले नुकसान और कानूनी परिणामों (Legal Consequences) के बारे में पता होना बहुत ज़रूरी है। आज के समय में भी Cheque Bounce एक गंभीर वित्तीय और कानूनी समस्या बन सकता है। अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो आपको न सिर्फ बैंक चार्जेस देने पड़ते हैं बल्कि कानूनी कार्रवाई (Legal Action) और क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है।
आज हम डीटेल में जानेंगे कि Cheque Bounce होने पर कितना Penalty देना पड़ सकता है, क्या नुकसान हो सकता है और इससे कैसे बचा जाए।
Cheque Bounce के कारण
चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- अकाउंट में बैलेंस ना होना – अगर आपने किसी को चेक दिया लेकिन आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त पैसा (Sufficient Balance) नहीं था, तो बैंक उस चेक को डिसऑनर (Dishonor) कर देगा।
- गलत सिग्नेचर – अगर चेक पर किया गया हस्ताक्षर (Signature) आपके बैंक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता है, तो वह चेक बाउंस हो सकता है।
- ओवरराइटिंग (Overwriting) या गलती – अगर चेक पर कोई कटिंग या ओवरराइटिंग है, तो बैंक उसे रिजेक्ट कर सकता है।
- अकाउंट फ्रीज या बंद होना – अगर किसी कारण से आपका बैंक अकाउंट फ्रीज (Freeze) या बंद हो गया है, तो आपका चेक बाउंस हो सकता है।
- चेक की वैधता समाप्त होना – बैंक द्वारा जारी किया गया चेक आमतौर पर 3 महीने के लिए वैध होता है। यदि आपने Expired Cheque जमा कर दिया, तो वह बाउंस हो जाएगा।
Cheque Bounce पर लगने वाली Penalty और Charges
जब कोई Cheque Bounce होता है, तो बैंक और सरकार द्वारा कई प्रकार के Charges और Penalty लगाई जाती हैं।
- Cheque Bounce Penalty: RBI के नियमों के अनुसार, Cheque Bounce Penalty ₹150 से ₹1000 तक हो सकते हैं। यह चार्ज बैंक पर निर्भर करता है। अगर आप किसी दूसरी बैंक ब्रांच में चेक जमा कर रहे हैं और वह बाउंस होता है, तो एक्स्ट्रा चार्जेस भी लग सकते हैं।
- कानूनी दंड (Legal Penalty): Negotiable Instruments Act, 1881 के तहत, अगर आपका चेक बाउंस होता है और जिसे आपने चेक दिया है वह शिकायत दर्ज कराता है, तो आपको Legal Notice भेजी जा सकती है। अगर 15 दिनों के अंदर पेमेंट नहीं किया गया, तो आपके खिलाफ Section 138 के तहत केस फाइल किया जा सकता है। इस केस में आपको ₹2 लाख तक का जुर्माना या 2 साल तक की जेल भी हो सकती है।
- Credit Score पर असर: अगर आपका चेक लोन EMI, क्रेडिट कार्ड बिल या किसी बैंकिंग पेमेंट से जुड़ा हुआ था और वह बाउंस हो गया, तो आपका CIBIL Score खराब हो सकता है। इससे आगे चलकर लोन लेने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि बैंक और वित्तीय संस्थाएं कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को लोन देने से बचती हैं।
Cheque Bounce से कैसे बचा जाए?
चेक बाउंस होने से बचने के लिए कुछ आसान टिप्स अपनाए जा सकते हैं:
- खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें: हमेशा ध्यान रखें कि चेक जारी करने से पहले अकाउंट में पर्याप्त पैसा मौजूद हो।
- ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन अपनाएं: आजकल UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे तेज़ और सुरक्षित पेमेंट विकल्प उपलब्ध हैं, जो चेक से ज़्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं।
- चेक सही तरीके से भरें: चेक पर किसी भी तरह की ओवरराइटिंग या कटिंग न करें। सही और स्पष्ट रूप से बेनिफिशियरी का नाम और रकम लिखें। हस्ताक्षर (Signature) मिलान करें ताकि बैंक उसे अस्वीकार न करे।
- Post Dated Cheque देने से बचें: अगर आप किसी को पोस्ट डेटेड चेक दे रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि उस दिन अकाउंट में पैसा उपलब्ध होगा।
- चेक बाउंस होने पर तुरंत प्रतिक्रिया दें: अगर किसी कारण से आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो समय पर रिस्पॉन्ड करें और जल्द से जल्द भुगतान करें ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
एक Cheque Bounce होना भले ही छोटी सी गलती लगे, लेकिन इसके गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम हो सकते हैं। Cheque Bounce Penalty, बैंक चार्जेस, कानूनी कार्रवाई और खराब क्रेडिट स्कोर से बचने के लिए हमेशा ध्यान दें कि चेक सही तरीके से भरा गया हो और अकाउंट में Sufficient Balance हो। आज के डिजिटल युग में, UPI और ऑनलाइन बैंकिंग जैसे option का यूज करके हम चेक बाउंस होने की समस्या से बच सकते हैं।
Related Topics: